सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल कपाल मोचन विभिन्न वर्गों, धर्मों तथा जातियों की एकता का प्रतीक है। कपाल मोचन यमुनानगर जिले के सिन्धुवन में बिलासपुर के साथ स्थित है। देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में हिन्दू, मुस्लिम तथा सिक्ख श्रद्वालु हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ लगने वाले मेले में भाग लेते हैं तथा मोक्ष की कामना से पवित्र सरोवर में स्नान करते हैं। पुराणों के अनुसार कपाल मोचन तीर्थ तीनों लोकों में से पाप से मुक्ति दिलाने वाला स्थान है। |
यह स्थान भगवान श्री आदिबद्री नारायण का प्राचीन आवास माना जाता है। जन श्रुतियों के अनुसार भगवान विष्णु ने सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तीनों युगों में इस स्थान पर वास किया व कलियुग के आगमन पर भी वर्तमान में उत्तरांचल के प्रसिद्व तीर्थ स्थल बद्री धाम चले गये इससे पहले भगवान श्री विष्णु आदिबद्री धाम आये थे। इसलिए इस स्थान को प्राचीनतम होने का गौरव प्राप्त है। |
हरियाणा राज्य के शिवालिक पर्वत श्रृखलाओ में से सबसे ऊँची पहाड़ी में स्थित यह माँ मन्त्रा देवी का मन्दिर आदिबद्री से लगभग 2.5 की0मी0 ऊपर पर्वत श्रृंखलाओं में विद्यमान है। मन्त्रों से प्रकट हुई माता समस्त भारतवर्ष में केवल इसी स्थान पर स्थित है। यहाँ एक सुन्दर गुफा में नर-नारायण की आद्वितीय, लौकिक एवं मनमोहक दो मूर्तियाँ एक ही लाल पत्थर में पिण्ड के रूप में विराजमान है। |
श्री केदारनाथ जी शिव मन्दिर भी द्वावर युग का श्री नारायण की तपो उर्जा का वरदान है। पाण्डवों द्वारा महाभारत समाप्ति के बाद जब हिमालय की चोटी की ओर बढ़े तो सबसे पहले सिन्धुवन में आदि केदारनाथ का जलाभिषेक कर उत्तराखण्ड की चारों धाम की यात्रा पर गये। |